आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-12-2016) को "काँप रहा मन और तन" (चर्चा अंक-2551) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
अपने बारे में कुछ कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान होता है, तो कुछ के लिए बहुत ही मुश्किल और मेरे जैसों के लिए तो नामुमकिन फिर भी अब यहाँ कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ेगा न. तो सुनिए. मैं एक जर्नलिस्ट हूँ मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी से गोल्ड मैडल के साथ टीवी जर्नलिज्म में मास्टर्स करने के बाद कुछ समय एक टीवी चैनल में न्यूज़ प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया, हिंदी भाषा के साथ ही अंग्रेज़ी,और रूसी भाषा पर भी समान अधिकार है परन्तु खास लगाव अपनी मातृभाषा से ही है.अब लन्दन में निवास है और लिखने का जुनून है.
Lovely...december sach mein itna pyara hai didi :) :) :) aur aapki ye pic...kamaaal basss :) kya expression hai!!!!
ReplyDeleteLovely Poem :)
ReplyDeleteदिसम्बर पूरे विश्व में लगता है आलू पराँठे और गरमा गरम चाय ले के आता है ... और इनका स्वाद भी कड़क ठंड में आता है ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-12-2016) को "काँप रहा मन और तन" (चर्चा अंक-2551) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपको देख कर तो लगता है, हाय ये ज़िन्दगी भी तो कितनी प्यारी है...
ReplyDeleteदिसम्बर का भी अपना एक अलग ही मजा है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ठंड में गरमाती रचना
sach me apki post padh kr sardiya sundar lagne lagi :)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चित्र खींचा है आपने
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट। ... Thanks for sharing this!! :) :)
ReplyDeletewow very nice....
ReplyDeletewww.funmazalo.com
www.shayarixyz.com