मुस्कुराहटें संक्रामक होती है बहुत तेजी से फैलती हैं साथ ही चिंता, दुःख जैसे वायरस के लिए एंटी -वायरल भी होती है.
जिंदगी जीने की ललक और उसे जीने का अंदाज यदि जिंदादिल और खुशनुमा हो तो जिंदगी सालों से नहीं उसे जीने के अंदाज से नापी जाती है. कुछ ऐसी ही मुस्कराहट का मालिक था वह इंसान. जो खुद बेशक तकलीफ में हो पर जीने की ललक कम नहीं होती थी. दुनिया में बिखरी खूबसूरती को समेटनी की उसकी चाहत कम नहीं होती थी.बिस्तर पर पड़े पड़े मेरी १ साल की बिटिया की तरफ इशारा करके उस दिन कहा था उन्होंने " अरे सुना है यहाँ उस दुकान पर बड़े अच्छे जूते चप्पल मिला करते हैं जा इसे नए जूते दिला ला. और हाँ मम्मी को भी ले जा और मेरे लिए भी एक सफ़ेद रंग की चप्पल ले आना. पैर थोड़े पतले से हो गए हैं न तो सफ़ेद में अच्छे लगेंगे."
यह हम दोनों (मैं और मम्मी ) अच्छी तरह से जानते थे कि चप्पल तो बहाना था असल में वो हम दोनों को थोड़ी देर के लिए उस माहौल से निकाल कर बाहर भेजना चाहते थे.खरीदारी के बहाने कुछ परिवर्तन महसूस करना और कराना चाहते थे. नए जूते देखकर बच्ची की उमंग में अपनी उमंग मिलाकर कुछ पल जीना चाहते थे.
शारीरिक रख रखाव के प्रति जागरूक वे अक्सर कहा करते "खुद को खूबसूरत लगना और समझना बेहद जरूरी है और उसके लिए प्रयत्न करने में कोई बुराई नहीं क्योंकि हम जैसे खुद को दिखेंगे वैसा ही महसूस करेंगे और फिर वही भाव बाहर भी प्रदर्शित होंगे" यानि अच्छा दिखोगे तो अच्छा सोचोगे और अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा।
इसीलिए विकट बीमारी के दिनों में भी वे अपनी शारीरिक सज्जा को लेकर बेहद जागरूक रहा करते। डॉक्टर कहते यह इस आदमी की विल पावर है जो उसे हारने नहीं दे रही वरना...
आज भी मुझे यकीन है कि ऊपर आसमान में वो जो सबसे हसीं सितारा है वह वो ही हैं. और हमें मुस्कुराकर अपने जन्मदिन का केक काटते देख रहे हैं :)
वो जो चमक रहा है ऊपर मुस्कुराता हुआ सितारा
कब्जाया हुआ है उसने ब्रह्माण्ड यूँ ही सारा
आ चल ज़रा अब एक हाथ इस हाथ पर भी रख दे
पल भर को ही सही इस दिन में मिठास भर दे.
Happy Birthday Papa... :)
Main bata nahi sakti ki kya mehsus hua mujhe padhkar
ReplyDeletekoi shabd nahi hain kehne ke liye
chahe kaisi bhi paristhithi ho hum sada aise hi muskuraate rahe
Happy Birthday to Uncle ji
पापा की स्मृति तुम्हारे जीवन में मिठास भरती रहेगी । भावपूर्ण यादें । उनके जन्मदिन पर तुमको ढेर सी शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteशिखा तुम्हारा संस्मरण पढ़कर लगा जसी तुम मेरे पापा के विषय में बोल रही हो...बहुत मिलती थी उनकी सोच
ReplyDeleteपापा ऐसे ही होते हैं...सकारात्मक ऊर्जा से भरे और हमें हमेशा उल्लास से भरे देखना चाहते हैं फिर चाहे खुद में कितने ही दुखी हों।
ReplyDeleteपापा की याद दिला गयी यह पोस्ट...लाजवाब!!
पिता ऐसे ही होते हैं. तुम्हारे संसमरण ने भावविभोर कर दिया! हम सबकी यादों में सुरक्षित हैं पिता!!
ReplyDeleteबहुत भावुक सा...अंकल के जन्मदिन पर उनकी इतनी अच्छी बेटी को बहुत शुभकामनाएँ...।
ReplyDeleteबहुत ही प्यारा और मार्मिक संस्मरण .
ReplyDeleteप्यारी पोस्ट है शिखा....
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07-01-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1882 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
भावपूर्ण और सुन्दर
ReplyDeleteLovely..Loved this post didi !! Happy Birthday to you uncle once again !
ReplyDeleteआँखें नम हो गई। उस सितारे को जन्मदिन मुबारक
ReplyDeleteआँखें नम हो गई। उस सितारे को जन्मदिन मुबारक
ReplyDeleteक्या कहूँ दी..!! बस इतना कि वे जहाँ होंगे, आपको देख-पढ़ कर बहुत खुश होंगे...आशीर्वाद देते होंगे... :)
ReplyDeleteअपने पापा के लिए एक बेटी के मन के उद्गार पढ़ें..आंखें भर आईं।
ReplyDeleteउस चमकते सितारे को हमारी भी जन्मदिन शुभकामनाएं।
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteशिखाजी पिता से जुड़े संस्मरण ऐसे ही होते हैं। ज्यादातर पिता हमें बेहतर ही सिखाते हैं...। खासकर पिता कभी नहीं रोते....आखिर बच्चों के हीरो होते हैं..हमारे हर पल में उनका अहसास जुड़ा ही रहता है..अपने पिता के जाने के 4 साल बाद भी यहीं उन्हें महसूस करता हूं
ReplyDeleteशिखा जी ,आपके इस संस्मण ने जितनी स्मृ्तियों के पट खोल दिये - बेटी के लिए पिता क्या होता है यह केवल अनुभव ही किया जा सकता है -आभार आपका !
ReplyDeleteइस मधुर स्मृति को मन में हमेशा ताज़ा रखियेगा ... बहुत बड़ा संबल होती हैं ये यादें .. कदम कदम पर थाम लेती हैं ... पिताजी का जनम दिन मुबारक हो ...
ReplyDeleteकल 11/फरवरी /2015 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !