अमूमन कहा जाता है कि दोस्त ऐसे रिश्तेदार होते हैं जिन्हें हम खुद अपने लिए चुनते हैं. परन्तु मुझे लगता है कि दोस्त भी हमें किस्मत से ही मिलते हैं.क्योंकि मनुष्य तो गलतियों का पुतला है इस चुनाव में भी गलती कर सकता है खासकर जब बात अच्छे और सच्चे दोस्तों की हो.तो ऐसे दोस्त किस्मत वालों को ही नसीब होते हैं.इन दोस्तों की भी कई किस्में होती हैं.
कुछ ऐसे जिनकी उपस्थिति भर से एक सुरक्षा का सा अहसास होता है. जो पास रहे या दूर, पार्श्व में हमेशा एक ध्वनि आती रहती है - मैं हूँ ना... .
वहीँ कुछ ऐसे भी जो अपनी अनुपस्थिति में भी अपनी उपस्थति का एहसास कभी कम नहीं होने देते.बहुत दूर होते हुए भी जो हमेशा मन से आपके पास होते हैं और उनका यह सामीप्य हमेशा आपको एक सकारात्मक ऊर्जा देता रहता है.जो आपकी हर कही अनकही समझते हैं और सही रूप में समझते हैं.
कुछ ऐसे जिनसे आप कभी मिले नहीं, कोई संवाद नहीं हुआ परन्तु मिलते ही एक अदृश्य सी डोर जैसे आपको बाँध लेती है लगता है शायद पहले का है नाता कोई.
कुछ ऐसे भी जिन्हें कभी आपके सही ,गलत होने से कोई फरक नहीं पड़ता उनके लिए तो बस आप हैं और हर हाल में वो आपके साथ हैं.और किसी भी हाल में बस आपको हँसता देखना चाहते हैं.
और कुछ ऐसे भी जिनसे पहली बार मिलकर भी नहीं लगता कि पहली बार मिले हैं ऐसा अनौपचारिक माहौल बन जाता है कि लगता है जाने कब से एक दूसरे को जानते हैं.बातें निकलती हैं तो ख़तम ही होने को नहीं आतीं जैसे जन्मों की इकट्ठी रही हों.
हालाँकि कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं,जिनका कोई नाम तक नहीं होता, जिनसे आपका कोई लेना देना नहीं होता, कभी देखा नहीं होता, कभी मिले नहीं होते, आप उनका नाम तक नहीं जानते और शायद उन्हें कहा जाये तो वह भी आपका पूरा नाम तक ना जानते हों. फिर भी आदतन दोस्ती का हक़ वह अवश्य ही जताते हैं.ऐसे जैसे ना जाने कितनी अच्छी तरह आपको जानते हैं. यूँ ऐसे तथाकथित दोस्त भी बहुत जरुरी होते हैं आपके असली दोस्तों से पहचान कराने के लिए.आखिर "हर एक दोस्त जरुरी होता है".
यूँ दोस्ती कोई खरीद फ़रोख्त की चीज नहीं कि बाजार से चुन के ले आये जो अच्छी लगी. यह तो एक ज़ज्बा है जो स्वत: ही उपजता है हाँ यह और बात है कि हम कभी उसे समझ पाते हैं कभी नजरअंदाज कर देते हैं और गलत चुनाव हो जाता है.परन्तु दिल तो आखिर दिल है जल्दी ही समझ जाता है.
बरहाल दोस्त एक ऐसी अमूल्य निधि होते हैं जिन्हें आपसे कोई चुरा नहीं सकता।
इस भारत प्रवास में बहुत से दोस्तों से मिली. और मैं खुशकिस्मत हूँ कि उपरोक्त सभी तरह के दोस्त मेरी जिन्दगी में हैं।
बेशक इन तस्वीरों में हों न हों :).
HAR EK FRIEND JARURI HOTA HAI:)
ReplyDeleteशुक्र है तस्वीरो में जो नहीं है उनका भी ज़िक्र है.....वरना रोते हम :-(
ReplyDeleteसुन्दर बातों से सजी सुन्दर पोस्ट...
अनु
रोने नहीं देंगे तुम्हें.. :):)
Deletedoston ke bina kuchh chhuta sa rahta hai... badhiya post
ReplyDeleteशिखा, हर तरह के दोस्त होना भी तो खुश किस्मती ही है...:)
ReplyDeleteवही तो ...:)
Deleteतुमसे मिलना शिखा एक सपना था जो पूरा हुआ ...:) हर दोस्त जरुरी है वाकई ज़िन्दगी में :)
ReplyDelete:)
Deleteचलो हम उनमे ही सही जिनका जिक्र नही ………वैसे जिनका जिक्र नही किया जाता सुना है वो ही दिल के सबसे ज्यादा करीब होते हैं।
ReplyDeleteजिक्र तो है वंदना,दिल के करीब भी, हाँ तस्वीर बेशक नहीं है :)..
Deleteभैया मैं तो पांचवी कैटेगरी में आ रही हूँ :) और फोटो नंबर दो :) :) :)
ReplyDelete:):).कुछ राज़ भी रहने दो ;)
Delete:( :( :(
Deleteउत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteधुआंधार, शानदार और गेंद बाउंड्री लाइन के पार !!!!
ReplyDeleteचकाचक पोस्ट!!!!
और हाँ "हर एक दोस्त ज़रूरी होता है" :) :)
चित्र में तो दिख रहे हैं ...पर कौन सी कैटेगरी में हैं इसका पता नहीं :):)
ReplyDeleteजिनका कोई नाम नहीं होता वो ज्यादा अच्छे से हक दिखाते हैं :)
मेरी तो बहुत छोटी सी लिस्ट है दोस्तों की सोचना पड़ेगा :)
कुछ बातें न पता हों तो भी कोई बात नहीं दी !!! :)
DeleteKHUBASURAT YADON SANG DOSTI KI BEHATARIN MISHAL KE LIYE BADHAI.
ReplyDeleteAur aapne to humein meshhoor kar diya... :-)
ReplyDeleteसूरज को भी चिराग की जरुरत होती है ???:)
Delete:}
ReplyDeleteAapkee khush qismati barqaraar rahe!
ReplyDeletevery nice....ये दोस्ती यूँ ही कायम रहे ....ऐसे ही हँसते मुस्कुराते जिंदगी का सफर तय हो :))))
ReplyDeleteक्यों कि हर दोस्त जरुरी होता हैं ...जो है वो भी और जो नहीं है वो भी
वाह, यह हँसी और यह माहौल बना रहे।
ReplyDeleteAisa laga jaise college canteeen main barso puraane dost mile so refreshing
ReplyDeleteहो गया? बोल ली?
ReplyDeleteचेन्नई तो आया हुआ नहीं, और बोलने चली हैं. हुंह!!!
:):)..अगली बार पक्का ..फिर चाहें तुम दिल्ली आओ या मैं चेन्नई.:)
Deleteब्लॉग में लाईक का ऑप्शन क्यों नहीं है? बस लाईक करके निकल लेने में अधिक मजा है. :)
Deleteदिल्ली आयीं और हमें बताया नहीं :(
Deleteशिखाजी आणविक स्तर पर होता है यह आकर्षण .कुछ लोगों को देखते ही लगता है उनसे जुड़ा जाए बोला जाए ,चेरे होतें हैं उनके एक संवाद "और भाई कैसे हो ?".और कुछ और लोग मिल जातें हैं राह में मोबाइल पे बात करने के बाद उनसे लगता है न मिला होता तो क्या बुरा होता ,नाहक की बात और कुछ चेहरे ऐसे मिलतें हैं जैसे माफ़ी मांग रहें हो अपने मौन सिंह के "मुझे नहीं मालूम ,मैं तो प्रधान मंत्री हूँ ",बढ़िया सूक्ष्म विश्लेषण संसिक्त पोस्ट .
ReplyDeleteram ram bhai
ये दोस्ती यूँ ही कायम रहे ....!!
ReplyDeleteमथत मथत माखन रही, दही मही बिलगाव
ReplyDeleteरहिमन सोई मीत हैं, भीर परे ठहराय
हमने तो बचपन में यही पढ़ा था मित्रता के बारे में . बाकि सब प्रकार के मित्रों पर आपने प्रकाश डाल ही दिया है, पढ़ के ज्ञान चक्षु भी खुले और फोटुआ भी अच्छे लगे.
बिलकुल सही पढ़ा है बचपन में..और रहीम कभी गलत कहते भी नहीं :).
Deleteसुंदर यादे
ReplyDeleteक्योंकि हर एक दोस्त जरूरी होता है
आपने तो राशिफल जैसा विवरण प्रस्तुत किया है दोस्तों की कटेगरी का | सब किसी न किसी में स्वयं को फिट पायेंगे | ग्रेट पोलिटिकल कटेगेराईजेशन |
ReplyDeleteमुझे आपसे मिल कर कैसा लगा , यह शब्दों में सीमित करना मेरे लिए संभव नहीं |
क्योंकि दोस्तों के हिसाब से केटेगरी बनाएँ गई हैं.केटेगरी के हिसाब से दोस्त नहीं...सो ..कोई पोलिटिक्स नहीं:):).
Deleteनिरुत्तर मैं |
Deleteकोइ तो बताये ये कैटेगरी फेसबूकिया है या ब्लोगरिया :)
Deleteआप कब से दोस्ती को फेसबूकिया या ब्लोगरिया : तक के दायरे में देखने लगीं?:):)..ये कैटेगरी तो युनिवर्सल है :):).
Deleteबताओ तो हमने कितनी गलतफहमी पाल ली है ,कई कैटेगरी में खुद को देख रहे हैं ... अंतिम परिणाम तो तुम ही बताओ ...सस्नेह -:)
ReplyDeleteअरे आप सब में खुद को देखिये.. आखिरी वाली छोड़कर :):)
Deleteसच है दोस्त भी किस्मत से ही मिलते है....
ReplyDeleteचलिए इसी बहाने ही सही लखनऊ की यादें तो ताजा हो गई,,,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST - मेरे सपनो का भारत
यह सब तो ठीक है ...लेकिन मेरा फोटो कहाँ गायब कर दिया ...!
ReplyDeletethanks Shikha doston ki list men khud ko dekhkar khushi hui
ReplyDeletehalanki abhi to ham log hi , hello se aage badhe hi nahin :)
lekin tumhari kitab padhi main ne bahut interesting hai
शुक्रिया इस्मत !! :)
Delete@ इस भारत प्रवास में बहुत से दोस्तों से मिली. और मैं खुशकिस्मत हूँ कि उपरोक्त सभी तरह के दोस्त मेरी जिन्दगी में हैं
ReplyDelete... और जिनसे न मिले/मिल सके?
इस आखिरी पंक्ति पर गौर किया जाये :):).
Delete"मैं खुशकिस्मत हूँ कि उपरोक्त सभी तरह के दोस्त मेरी जिन्दगी में हैं।
बेशक इन तस्वीरों में हों न हों :)".
Very right Shikha!!!! U really r god blessed because u can put ur thoughts so beautifully into words. Friends r integral part of our lives. He who doesn't have good frnds is the poorest person
ReplyDeleteRenu
oh yes ..
Deleteshikha ji ab to ye janne ka man hai ki ham kis jagah aate hain
ReplyDeleterachana
मैं भी कितना खुशनसीब हूँ कि आपके साथ मंच शेयर करने का और लोगों का दिल जलाने का मौक़ा मिला :-)
ReplyDeleteहम तो जान रहे थे की आप लन्दन जाते ही सबसे पहला काम यही करेंगी....:)
ReplyDeleteअंतिम वाली तस्वीर हमारी भी फेवरिट में से है...कितने अच्छे एक्स्प्रेसन हैं आपके, सोनल जी के और देवांशु के..और फोटो की टाईमिंग :)
एक फोटो और लगाने का मन था. फिर कण्ट्रोल किया :):)
Deleteदोस्तों की भिन्न -भिन्न किस्में , मगर फिर भी दोस्त तो है ही !
ReplyDeleteहंसती मुस्कुराती तस्वीरें ब्लॉगजगत की सकारात्मक छवि दिखा रही है .
शिखा जी सच्चे दोस्त बहुत मुश्किल से मिलते है अच्छा लिखा है
ReplyDeleteशिखा जी सच्चे दोस्त बहुत मुश्किल से मिलते है अच्छा लिखा है
ReplyDeleteसच्ची दोस्ती की बात ही क्या.. अच्छा है लेखा. छोटा, मगर अर्थवान..
ReplyDeleteसुन्दर केटलाग. मैं सोचता हूँ, जिनके मित्र नहीं होते, बेचारे कितने बदकिस्मत होंगे.
ReplyDeleteसुन्दर चित्रों और विचारों से सजी अच्छी पोस्ट |
ReplyDeleteजीवन में दोस्ती और दोस्त होने बहुत जरूरी हैं ...
ReplyDeleteआपका भारत प्रवास अचा रहा .... सभी अपनों से मुलाक़ात हुई .... चित्र बता रहे हैं इन मुलाकातों के सिलसिले ...
सही कहा आपने. 'हर एक दोस्त ज़रूरी होता है' पर आपकी दिल्ली वासी ब्लॉगर दोस्तों वाली फोटो मुझे कितना सुलगा रही है आप नहीं जानतीं :( मुझे क्यों नहीं बताया ?
ReplyDelete:( आराधना ! उस समय न मेरे पास नेट था, और मेरा फोन भी बारिश में नहाने की वजह से सारे कांटेक्ट गँवा चुका था.तुम्हारा नंबर भी नहीं था मेरे पास. वो तो इत्तेफाकन अभि का कॉल आया और अफरा तफरी में यह कार्यक्रम बना. मुझे तो यह भी नहीं मालूम था कि मिलना कहाँ है,बस सोनल उठाकर जहाँ ले गई :. और इसी हबड तबड में तुम रह गईं :(:(..
Deleteअगली बार यह गलती नहीं होगी:(.
मुक्ति जी से सहमत!
Deleteअरे, मैं तो शिकायत करके भूल ही गयी थी :) कोई बात नहीं. हम अगली बार मिलेंगे.
Deleteजो सुख-दुख को बाँट ले, मित्र उसी का नाम।
ReplyDeleteकरे परोक्ष बुराइयाँ, वो साथी बदनाम।।
दो्स्ती पर सुंदर लेख और तस्वीरें तो बहुत सुंदर ।
ReplyDeletehamesha salamat rahe ye dost....
ReplyDeleteदोस्त इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हमारे जीवन में कई रंग लेकर आते हैं.... और हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन जाते हैं...
ReplyDeleteआस-पड़ोस के दोस्त,स्कूल के दोस्त,कक्षा के दोस्त,कैंटीन दोस्त,इन्टरनेट दोस्त,घनिष्ट दोस्त..... पारिवारिक दोस्त.... और ना जाने कितने दोस्त...
सभी के साथ हमारे जीवन की कुछ खट्टी मीठी यादें जुडी होती हैं...
"दोस्त बहुत जरुरी होते हैं"
हाँ सही कहा आपने उनकी उपस्थिति हमें हमेशा ये अहसास कराती है -"मैं हूँ ना"
एक बहुत सुन्दर लेख शिखा जी...
आपके जीवन की बगिया इन मित्र रुपी पुष्पों से सदा महकती रहे... शुभेच्छा
शुभकामनाएं...
सादर
दोस्त...एक बहुत बड़ी परिभाषा है,एक मिल जाए तो तुम भाग्यवान हो, दूसरा बहुत है, तीसरा मिल ही नहीं सकता और यदि मिला तो वहाँ से misunderstanding शुरू ...दोस्त कभी भी,कहीं भी हल्का नहीं बनाता. जिस तरह माँ बच्चे के लिए होती है,उसी तरह दोस्त की भूमिका होती है . इतने सुखद अविस्मर्णीय पल मुझसे छूट गए,नहीं आ पाने की वजह से ....
ReplyDeleteमेरे ख़याल से अगर दोस्ती में मिसअनडरस्टेनडिंग आ जाये तो समझिए वो दोस्ती थी ही नहीं.जाने दीजिए उन्हें.
Deleteआपको भी मिस किया हमने बहुत.
"हर एक दोस्त जरुरी होता है".
ReplyDeleteबिल्कुल सच
सच..अक्सर लोग गलत कहते हैं कि दोस्ती बराबर वालों से की जाती है दोस्ती तो वो चीज़ है दो लोगों को बराबर कर देती है...बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteइसे तो गूगल सर्च में दोस्ती विषय वाले निबंधों की श्रेणी में रख देना चाहिए..:):) शोध करने वाले बालकों को मदद मिलेगी
ReplyDeleteवाह! बड़ा खुशनुमा माहौल है! जैसे खूबसूरत चित्र वैसे कमेंट।
ReplyDeleteऔर पोस्ट ???:):).
Deleteमुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कि मिला नहीं आपसे.. फोन पाकर ज़रूर ताज्जुब हुआ था लेकिन खुशी भी कि चलो रिश्ते निभाने वाला कोई तो है.. हाँ मेरी बेटी को ज़रूर अफसोस हुआ (सचमुच).. उसके लिए तो जैसे कोई सेलेब्रिटी पास से निकल गया हो!!
ReplyDelete.
पुनश्च: व्यस्त था, इसलिए देर हुई!!
शिखा सुन्दर अभिव्यक्ति की है आपने. दोस्त इश्वर के ही प्रतिरूप होते हैं जो आपको जीना सिखाते हैं हँसना और विशवास करना सिखाते हैं ..आपकी मित्रता के लिए ह्रदय से आभार
ReplyDeleteशिखा सुन्दर अभिव्यक्ति की है आपने. दोस्त इश्वर के ही प्रतिरूप होते हैं जो आपको जीना सिखाते हैं हँसना और विशवास करना सिखाते हैं ..आपकी मित्रता के लिए ह्रदय से आभार
ReplyDeleteमंजुला सक्सेना
अनिल सौमित्र
ReplyDeleteशिखा जी! आपने मित्रों के बारे में बखूबी लिखा। कुछ अ-मित्रों के बारे में भी लिखिये। मसलन मित्रों की ही तरह अ-मित्रों की कितनी किस्में (नस्लें, प्रजातियां) होती हैं, उनकी भी कुछ खूबियां होती होगी। अ-मित्र आस-पास हों तो कैसा महसूस होता है? उनके होने की कैसी ध्वनी आती है? वे सुख देते हैं कि दुख! आपके भारत प्रवास के दौरान कुछ अ-मित्र भी मिले होंगे। उनके बारे में अपने अनुभव सोदाहरण उल्लिखित करें।
हा हा हा.
Deleteअ मित्र -विभिन्न प्रजातियाँ ----सौजन्य श्री अनिल सौमित्र.
हा हा हा .
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From India
सही कहा है ..खून का रिश्ता जन्म से होता है और दोस्ती का नसीब से ....
ReplyDeleteपोस्ट और चित्र देख कर जी जुड़ा गया !
ReplyDeleteशिखाजी अच्छे मित्र बड़ी किस्मत से मिलते हैं .....इश्वर करे यह फसल लहराती रहे आपके जीवन में ...
ReplyDeleteजिनके पास सच्चे दोस्त हैं वह जीवन में सुखी हैं और जिनके पास नहीं है वे दुखी हैं।
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुत बढ़िया पोस्ट ...सकारात्मकता से लबरेज़ ... जो स्वयं अच्छे होते हैं उन्हें दोस्तों की कमी नहीं होती ...!!बहुत अच्छा लगा पढ़ कर ...हमने इस बार आपसे मिलने का अवसर खो दिया ...पर जल्दी मिलेंगे ...
nice blog,i love this
ReplyDeleteसच है - हर एक दोस्त ज़रूरी होता है... मिलते हैं बिछुडते हैं लेकिन कुछ सदैव साथ होते हैं संबल बनकर.
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है |
ReplyDeleteआपने तों दोस्तों की केटेगरी का बखान कर दिया हर व्यक्ति खुद को किसी न किसी कैटेगरी में पाएगा । सुन्दर फोटो इस पोस्ट को और सजीव बनाते हैं ।
ReplyDeleteशिखा ,मित्र और मित्रता के धागों को समेटते हुए बहुत ही सूक्ष्मता से उसका विश्लेषण किया है |इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई |
ReplyDeleteसच ही तो है हर रिश्ते की तरह ज़िंदगी में हर दोस्त भी ज़रूरी है मन का आईना दिखाने के लिए।
ReplyDeleteकुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं जो दूसरों के लिये भले ही बुरे होते हैं, पर अपने लिये हमेशा अच्छे :)
ReplyDelete