ठण्ड में ठंडा है इस बार का क्रिसमस .लन्दन में ३० साल में सबसे ज्यादा खराब मौसम है इस दिसंबर का. १ हफ्ते पहले भारी बर्फबारी के कारण कई स्कूलों को बंद कर दिया गया था और अब इस सप्ताह अंत में भी भारी बर्फबारी की आशंकाएं जताई जा रही हैं ,देश के पूर्वी हिस्सों में ८ इंच तक की बर्फबारी हो सकती है .और इस तरह का ठंडा मौसम इस बार फरवरी तक जारी रहने की सम्भावना है .मौसम के कहर के चलते इस बार लाखों क्रिसमस उपहार गोदामों में अटक गए हैं जिन्हें किसी तरह गंतत्व तक पहुँचाने की कोशिशें जारी हैं ,जानकारों का कहना है कि हो सकता है लाखों उपहारों को समय से ना पहुँचाया जा सके और इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश के कुछ हिस्सों में इस क्रिसमस पर सेंटा ना पहुँच पाए.
खासकर स्कॉट्लैंड और देश के पूर्वी हिस्सों में हालात बहुत खराब हैं और सामान पहुचने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है .
इंश्योरेस कंपनियों का कहना है कि इस सर्दी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को पहले ही लगभग ४.८ बिलियन पौंड्स का नुक्सान हो चुका है ,और आने वाले मौसम के मुताबिक यह ८.४ बिलियन पौंड्स तक पहुँच जायेगा.
वैसे भी इस बार क्रिसमस पर वह उत्साह और रंगीनियत नहीं देखने को मिल रही जिसका इंतज़ार पूरे साल लोग किया करते थे .ना एक महीने पहले से माल्स में लोग अटे पड़े हैं ,ना जगह जगह सेंटा घूमते हुए दिखते हैं ,ना दुकानों और घरों को आलीशान तरीके से सजाया गया है. अब ये लोगों की नौकरी से जाने का असर है या यूनिवर्सिटी में बढ़ती फीस का.. . तंग हाल अर्थव्यवस्था का या फिर रिकॉर्ड तोड़ सर्दी का... बहरहाल इस बार यह तो पक्का है कि फादर क्रिसमस आये भी तो ठण्ड से सिकुड़ते हुए ही आयेंगे और हो सकता है कई जगहों पर पहुँच ही ना पायें.
खैर हमने तो छोटा सा क्रिसमस का पेड़ लगा ही लिया है अपनी बैठक में, २-४ उपहार भी रख दिए हैं आसपास , टर्की भी बना ही लेंगे उस दिन डिनर में और हीटिंग चला कर गा ही लेंगे --- जिंगल बेल ... जिंगल बेल .....
मैरी क्रिसमस टू यू ऑल ....
इस बार ठण्ड है बहुत ,
खैर हमने तो छोटा सा क्रिसमस का पेड़ लगा ही लिया है अपनी बैठक में, २-४ उपहार भी रख दिए हैं आसपास , टर्की भी बना ही लेंगे उस दिन डिनर में और हीटिंग चला कर गा ही लेंगे --- जिंगल बेल ... जिंगल बेल .....
मैरी क्रिसमस टू यू ऑल ....
इस बार ठण्ड है बहुत ,
क्या सेंटा आ पायेगा ?
एक हाथ से थमेगा कोट
एक से टोपी बचाएगा
बर्फीली सड़कों में
स्लेज़ फिसलती होगी
ना जाने कैसे खिलोनो की
बड़ी पोटली वो लटकाएगा
लाल नाक वाले रेन डीयर सी
नाक उसकी भी हो जाएगी
फिर भी कोशिश करके
सेंटा हो हो हो गायेगा
बेशक चिमनी तक ना पहुंचे
खिड़की के रास्ते ही आएगा
ठिठुरता हुआ ही सही पर
सेंटा इस बार भी आ ही जायेगा.
त्योहार के अपने मजे होते हैं और लोग प्रत्येक परिस्थिति में इन्हें मनाते ही हैं। बर्फ में भी मना ही लेंगे। इस बार सर्दी तो यहाँ भी पड़ने लगी है और अपना असर भी दिखा रही है। आप भी मनाइए क्रिसमस और आनन्द कीजिए।
ReplyDeleteओह!
ReplyDeleteथंड तो कलकत्ते में कोई खास नहीं पड़ती। और हम तोजम कर मनाएंगे।
हैप्पी क्रिसमस।
सुन्दर पोस्ट...सुन्दर कविता...
ReplyDeleteहैप्पी क्रिसमस...
बहुत ठण्ड है
ReplyDeleteपर सैंटा तो आयेंगे
मम्मा बनके
पापा बनके
जिंगल बेल ... जिंगल बेल .....
मैरी क्रिसमस टू यू ऑल ....
क्रिसमस पर सेंटा तो पहुंचेगा क्योंकि लाखों आँखें उसके इंतज़ार में जो बैठी हैं. हर साल सर्दी ऐसी ही रहती है कभी कम और कम ज्यादा. हैप्पी क्रिसमस.
ReplyDeleteगर्म कपडे पहने रखना शिखा , हमें तुम्हारे लेख पढ़ते रहना है इन जाड़ों में भी ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
ओह...!
ReplyDeleteबहुत ठण्डा है!
इतनी ठण्ड में कंपकपाता सांता अपने उपहारों की झोली के साथ आये तो सांता साधुवाद का पात्र होगा . वैसे मुझे लगता है की अपने एकदम सही अनुमान लगाया है यूरोप की बदहाल होती आर्थिक सूरत और घटती क्रय क्षमता एक कारण होगा विशाल बाजारों से रौनक गायब होने का . वैसे आप गाइए जिंगल बेल और क्रिसमस की अग्रिम शुभकामनाये .
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा कल (18-12-2010 ) शनिवार के चर्चा मंच पर भी है ...अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे कर मार्गदर्शन करें ...आभार .
ReplyDeletehttp://charchamanch.uchcharan.com/
यानी कि पूरी तैयारी है क्रिसमस मनाने की .. क्रिसमस ट्री सज ही गया है ..और टर्की हलाल होने की इंतज़ार में है ...और आप गाने के लिए तैयार जिंगल बेल- जिंगल बेल ..
ReplyDeleteसर्दी गज़ब की है ..फिर भी त्योहार मनाने का आनंद अलग ..डांस वांस कर लेना गर्मी आ जायेगी ...
ज़रा सीढ़ियों पर संभल कर चलना :):):)
मैरी क्रिसमस ..
त्योहार तो मनाया ही जायेगा, स्थति चाहे जो भी हो।
ReplyDeleteहैप्पी क्रिसमस
@संगीता स्वरुप !ज़रा सीढ़ियों पर संभल कर चलना :):):)
ReplyDeleteहाँ दि ! वो कहते हैं न दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है ..तो अब तो एक एक कदम जमा कर रखती हूँ :) कमर का दर्द अब तक नहीं गया है हा हा हा .
यूरोप और अमेरिका में पड़ रही जबरजस्त बर्फ बारी का नजारा टीवी पर देख देख कर हमारी बेटी ने तो एक नई जिद पकड ली है की स्नोफाल देखना आइस स्केट करना है उन्हें भी, अब मुंबई में उन्हें ये सब कैसे दिखाए और हर समय सर्दी से परेशान बेटी को किसी ठंडी जगह ले कर भी नहीं जा सकते है बस किसी माल में जा कर सेंटा दिखा कर ही खुश करना पड़ेगा | ठिठुरता ही सही सेंटा आयेगा तो जरुर |
ReplyDeleteबहुत खुब जी आप के यहां भी पड गई बर्फ़, मै किस्मत वाला था दो दिन पहले यहां वापिस आ गया, हमारे यहां तो मीटर के हिसाब से बर्फ़ गिर रही हे, काम काम ओर फ़िर सीधे घर पर, सप्ताह की खरीदारी भी एक बार कर लेते हे, कोर हिटिंग तो हमारे यहां सितम्बर से चल रही हे सभी कमरो मे, ओर मई तक चलेगी, चलिये हमारे यहां आ जाये इस बार बच्चो को ले कर, बर्फ़ का मजा भी ले ले ओर क्रिसमिस ओर नया साल सब मिल कर मनायेगे, इसी बहाने ब्लांग मिलन भी हो जायेगा,बच्चो को बहुत मजा आयेगा बर्फ़ का, यह मेरा दावा हे, जब बच्चे पहाडी से फ़िसल कर नीचे आयेगे.....
ReplyDeleteसांता क्लॉज़ ना आये , सवाल नहीं ... बच्चों की खातिर वे बर्फ के रथ पर सवार होकर आयेंगे
ReplyDeleteशिखा जी!
ReplyDeleteमेरी क्रिसमस के साथ साथ मुझे लगता है कि जब बच्चे अपने सैंटा को उपहार के लिए पुकारेंगे तो शायद उनके प्यार की गर्मी से सारी बर्फ पिघल जाए. आई विश्! ऐसा ही हो!!!
सेंटा भैया को तो फिर भी आना है।
ReplyDeleteबहुत सही बात कही इस पोस्ट में आपने ......वैसे एक बात ये भी है स्नो के बिना संता सुना सुना लगता है :)
ReplyDeleteऐसा इसलिए कह रही हूँ क्योकि हर साल सर्दी में स्नो देखने की आदत हो गई है यहाँ एल. ए. में मीस कर रहे है इस बार .......मेरी क्रिसमस
हमें तो शांता कल ही मिले थे घंटी बजाते हुए और होटल में जिंगल बेल,जिंगल बेल चल रहा था। ठंड से बचिए और त्यौहार का आनंद लीजिए। हम भी बच्चों के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बनाते हैं।
ReplyDeleteसेंटा तो अपना रास्ता बना ही लेगा...मगर तुम मेरा गिफ्ट तो भिजवाओ क्रिसमस का...यहाँ तो बर्फ़ भी नही हैं..इसलिए नो बहाना. :)
ReplyDeleteयूरोप के हालात और सेंटा पर अच्छी रिपोर्ट पर ...
ReplyDeleteकई मुल्क ऐसे हैं जहाँ सेंटा महाशय स्लेज पर चलने की सोच भी नहीं सकते उन्हें वहां की रेत पर ऊंटों का आसरा होगा :)
कहने का मतलब ये कि अलग अलग मुल्कों में अलग अलग सेंटा कहीं ठिठुरता कहीं...? !
ठंड में क्रिसमस और आनन्द कीजिए। शुभकामनायें !
ReplyDeleteठण्ड तो यहाँ भी बहुत हो रही है धीरे धीरे...लेकिन वहां के तापमान की तो हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं..
ReplyDeleteसंभल कर रहियेगा दीदी....
और सेंटा तो ज़रूर आयेंगे....
शिखा जी
ReplyDeleteठंड में ठिठुरते हुए ही इस बार क्रिसमस मना ही लेंगे हम.सही में इस साल मौसम बहुत खराब है..ठंड तो अपने चरम पे है.
वैसे सही में स्कोटलैंड में स्थिति बेहद खराब है..मेरी एक सहेली वहीँ रहती है.
कविता पसंद आई.
बचना इस ठंड से। लेकिन त्यौहारों मे इतनी ऊर्जा और ौतसाह होता है कि कोई सर्दी गर्मी की परवाह नही करता। शुभकामनायें।
ReplyDeletebahut achi rachna...behad sundar....thandi thandi cool
ReplyDeleteउफ्फ ये ठण्ड!....पर सेंटा बाबा आयेंगे ज़रूर:)
ReplyDeleteकविता बहुत अच्छी लगी.
सादर
ठंडकता का अहसास ली हुई रचना !अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteकई बार मौसम भी त्यौहारों का मजा किरकिरा कर देते है....बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने शिखा जी!...धन्यवाद!
ReplyDeleteसेण्टा क्लाज जी को आना तो पडेगा ही । वो बच्चो को निराश नही कर सकते । और ठंड मे आने से रिश्तों की गर्माहट और नयी हो जायेगी ।सेंटा जी हम काफी बना कर रक्खेगे ।आप जरूर आइयेगा
ReplyDeleteबहुत सही बात कही इस पोस्ट में आपने
ReplyDelete.....हैप्पी क्रिसमस.
त्योहार तो मनाये ही जायेंगे...भले ही उन्हें मनाने का स्वरुप बदल जाए.
ReplyDeleteक्रिसमस की शुभकामनाएं
हमारी तो यही दुआ है कि तमाम बेसहारा और जरूरतमंदों के पास सेंटा जरूर पहुंचे।
ReplyDelete---------
छुई-मुई सी नाज़ुक...
कुँवर बच्चों के बचपन को बचालो।
क्रिशमस के बारे में अच्छी जानकारी मिली. कोलकाता में उतनी ठंड नही है।अच्छा पोस्ट।
ReplyDeleteठिठुरता हुआ ही सही पर
ReplyDeleteसेंटा इस बार भी आ ही जायेगा.
... bahut khoob ... shaandaar post !!!
हमारे जीवन में उल्लास के अनेक बैरी हैं , उनसे लड़ती है जिजीविषा ! मौसम भी बैरी जैसा हो जाता है , कभी कभी ! त्यौहार इसी जिजीविषा का प्रतीक है ! जीवनेच्छा के इस आंग्ल परिपेक्ष्य को जानना अच्छा रहा ! आभार !
ReplyDeleteकपकपाता इंग्लैण्ड //
ReplyDeleteWE IN INDIA.....MAZE HAI
मुंबई मैं अभी भी पनके चलने पड़ते हैं..
ReplyDeleteहैप्पी क्रिसमस...
ReplyDeleteजिंगल बेल ... जिंगल बेल .....
वैसे सही कह रही हैं। इस बार कुछ खामोशी सी नजर आ रही है। लगता है कि इस बार सेंटा कुछ अच्छा सरप्राइज देने वाले हैं।
इस बार दिल्ली में भी ठण्ड जल्दी पड़ने लगी है. पता नहीं मौसम को क्या हो गया है?
ReplyDeleteआपकी पोस्ट से ज्यादा अच्छी मुझे क्यूट सी कविता लगी... उम्मीद और आशा से भरपूर :-)
बर्फ बारी तो जारी है ... रोज़ समाचार में देख रहे हैं ... पर सेंटा तो अष्ठ की बात है ... सर्दी या गर्मी .... वो जरूर आएगा ... .
ReplyDeleteमैं देर करता नहीं लेकिन देर हो जाती है।
ReplyDeleteक्षमा चाहता हूं देर से पहुंचने के लिए।
रचना अच्छी है।
आपका स्वास्थ्य कैसा है।
इन दिनों छत्तीसगढ़ में भी खूब
ठंड पड़ रही है।
त्यौहार को मानाने के लिए अच्छे मौसम की दरकार नहीं होती !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आलेख ... सचमुच पढ़कर खो गया हूँ .बर्फवारी और संता क्लाज ?..... आभार
ReplyDeleteमेरे पास दो उपाय है-
ReplyDeleteपहला तो ये की आप सब कल ही फ्लाईट पकड़ इंडिया आ जाएँ, यहाँ उतनी ठंड नहीं है...आप आराम से क्रिसमस सेलिब्रेट कर सकती हैं :)
दूसरा उपाय मैं कैसे यहाँ से बताऊँ? मुझे वहां आना होगा..आप मेरे रिटर्न टिकट का इन्तेजाम कर दीजिए, वहां आ के आपको उपाय बता दूँगा...एकदम सटीक उपाय रहेगा मेरा :) :)
आपको भी हैप्पी क्रिसमस जी ...
ReplyDeleteऔर जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें ...
रचना बहुत सुन्दर है ...
Happy Birthday Shikha ji
ReplyDeleteशिखा जी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई शुभकामनायें और आशीर्वाद।
ReplyDeleteशिखा जी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई हो ............
ReplyDeleteआपको भी क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं -सेंटा को भी कभी कोई कोई रोक पाया है भला .. वह आएगा और जरुर आएगा वह हमारी खुशिओं और आशाओं का वाहक जो है !
ReplyDeleteहैपी क्रिसमस शिखा जी,
ReplyDeleteसेंटा तो खुशियों का संवाहक है वो निश्चित ही आएगा !
इस बीच मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
agar jayda thand hai to please Santa ko Delhi bhej do,,,,,,isss baar kuchh gift yahin baras jayenge:)
ReplyDeletejanamdin ki shubh kamnayen:)
शिखाजी
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत सारी बधाई
20 दिसम्बर आपके लिए हमेशा खुशियों का पैगाम लेकर आए
एक बार फिर से बधाई
marry Christmas !
ReplyDeletesanta bhi 2-4 sawetar pehan kar aa jayega... !
mere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
शिखाजी
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत सारी बधाई
bahut sundar prastuti
ReplyDeleteaapko janamdin kee bahut bahut haardik shubhkamnayen..
शिखा जी जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं ......!!
ReplyDeleteइस बर्फ़ीली पोस्ट ने तो हाथ-पांव सुन्न कर दिये.
ReplyDeletebahut sundar rachna...happy chrismas
ReplyDeleteक्रिसमस की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteबहुत मजा आएगा इस बार क्रिसमिस मानाने में ....बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteये सोशेबाजी आजकल अपनी इम्पोर्टेंस जताने का तरीका बन गया है -- धन्य है ब्लॉग जगत
ReplyDeleteफ्रसट्रेटेड हो चले हैं लोग